बुधवार, 21 मार्च 2018

चैत्री नवरात्र की उपासना

इस बार यह नवरात्र का एक महासयोंग हे जो आनेवाले कई सो साल (वर्ष) के बाद दुबारा पूर्णतय बनेगा|
 अनुष्ठान के लिए शास्त्र व देवीभागवत में निर्देशित क्रम व प्रकिया के अनुशार घट स्थापित करे अगर समय के आभाव से घटस्थापना असम्भव हो तो दैवी शक्ति की मानसस्तुति करे और तत्पश्चात मातारानी भगवती का मानसिक जाप करे|   जाप इस प्रकारसे हे       "ह्रीं महाशक्ति वर वरदायिनीस्वाहा"       यह जाप निरंतर करशकते  हे|    ध्यान रहे की जाप करते समय शारीरिक व मानसिक सुधि आवश्यक हे (सुधि मतलब पवित्रता ) शक्ति जाप से हमें कार्यसिद्धि के लिए बल, सहिदिशा व सानुकुलता प्राप्त होती हे|    विघ्न व अवरोध नहीं आते यह सब श्रधा व चितकी एकाग्रता से होता हे|    देवीमाँ कल्याणमयी व् अनुक्रुपासे युक्त हे उसके अनुग्रह प्राप्त करने के लिए अपने आप  बालक जैसा बनके मातारानिको मातृभाव से प्राथना करनी हे ,नित्य क्षमा व प्रार्थना अवश्य करे| 

जयमातादी    जगदम्बा आप सबका कल्याण करे 

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