बुध ग्रह का रंग हलके तोतिये लेकर गाड़े हरे रंग तक हो सकता हे,बुध को शुद्र जातिका बतानेमे आया हे,बुध का अधिपति देव विष्णु हे और बुध उत्तर दिशाका अधिपति बताया गया हे.
बुध ग्रह वाले जातक उच्चे कदके,पतले ,मध्यम कदवाले और मित भाषी होते हे,सुंदर आख वाले और लंबे नाक के साथ लंबे चेहरे वाले होते हे,श्याम वर्ण के होते हे,उसकी त्वचा खुर खुरी और शरीर के सभी अवयव बड़े होते हे,एवम होसियार बुद्धिशाली होते हे और वायु पित्त और कफके मिश्रित प्रकृति वाले होते हे और श्याम वर्ण के और ज्यादा बाल वाले होते हे,
बुधग्रह बलवान
बुध ग्रह जिसकी कुंडली में बलवान होता हे वो बड़े बड़े लोगो के साथ रेहनार वैभव का शोख रखनार होता हे,और वो सदेव अपने आश्रय वाले मनुष्यो के ऊपर प्रीति रखने वाले होते हे.
बुध ग्रह शुभ हे तो मनुष्य नीतिवान,ज्यादा मधुर बोलने वाला,विचार शील,और अपार बुध्धिवान होता हे,और किसीकी सहायता के बिना भी आगे प्रगति करते हे,व्यापारी विचार वाले और संशोधन वृति वाले होते हे,
बुधग्रह दूषित
बुध ग्रह कुंडली में
दूषित हे तो मनुष्य को वायुकी पीड़ा होती हे,वो स्वयम अपनी गलत प्रतिष्ठा बनाने वाले,ठगाय के काम में अपनी बुध्धि को लगाते हे नपुसंकता के भुगतने वाले और अस्थिर दिमाग के होते हे,
यदि मनुष्यके जन्मकुंडली में अथवा गोचर में बुधग्रह दुसित होता हे ऐसे मनुष्यके दिमागी शक्ति,ज्ञानतंतुओ,नाक आदि शरीर के भागोंमे पीड़ा और उस उस स्थान के रोग होते हे,हाथ पैर के जोड़ो में पीड़ा,दिमाग शक्ति की निर्बद्ता,याद शक्ति कम,दिमाग के रोग,कफ के रोग,ऐसी उपाधि आती हे.
बुध ग्रह वाले जातक उच्चे कदके,पतले ,मध्यम कदवाले और मित भाषी होते हे,सुंदर आख वाले और लंबे नाक के साथ लंबे चेहरे वाले होते हे,श्याम वर्ण के होते हे,उसकी त्वचा खुर खुरी और शरीर के सभी अवयव बड़े होते हे,एवम होसियार बुद्धिशाली होते हे और वायु पित्त और कफके मिश्रित प्रकृति वाले होते हे और श्याम वर्ण के और ज्यादा बाल वाले होते हे,
बुधग्रह बलवान
बुध ग्रह जिसकी कुंडली में बलवान होता हे वो बड़े बड़े लोगो के साथ रेहनार वैभव का शोख रखनार होता हे,और वो सदेव अपने आश्रय वाले मनुष्यो के ऊपर प्रीति रखने वाले होते हे.
बुध ग्रह शुभ हे तो मनुष्य नीतिवान,ज्यादा मधुर बोलने वाला,विचार शील,और अपार बुध्धिवान होता हे,और किसीकी सहायता के बिना भी आगे प्रगति करते हे,व्यापारी विचार वाले और संशोधन वृति वाले होते हे,
बुधग्रह दूषित
बुध ग्रह कुंडली में
दूषित हे तो मनुष्य को वायुकी पीड़ा होती हे,वो स्वयम अपनी गलत प्रतिष्ठा बनाने वाले,ठगाय के काम में अपनी बुध्धि को लगाते हे नपुसंकता के भुगतने वाले और अस्थिर दिमाग के होते हे,
यदि मनुष्यके जन्मकुंडली में अथवा गोचर में बुधग्रह दुसित होता हे ऐसे मनुष्यके दिमागी शक्ति,ज्ञानतंतुओ,नाक आदि शरीर के भागोंमे पीड़ा और उस उस स्थान के रोग होते हे,हाथ पैर के जोड़ो में पीड़ा,दिमाग शक्ति की निर्बद्ता,याद शक्ति कम,दिमाग के रोग,कफ के रोग,ऐसी उपाधि आती हे.
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