चंद्रमा बारह राशिमे भिन्न भिन्न फल देनार नों ग्रहोमे सबसे शीघ्र परिभ्रमण करनार हे,बारह राशिमे चन्द्र का फल वर्णित हे,किन्तु एक जानकारी के अनुसार (कर्क राशिका चन्द्रमा स्वगृही बलवान हे परन्तु पोष मासकी पूर्णिमा का कर्क का चंद्रमा पूर्ण बलि हे,किन्तु वही चंद्रमा अमावस्या का कर्क राशिमे दुसित होता हे,जो अंदाजित आषाढ़ मासकी अमावस्या का होता हे,)
वृषभ राशिमे वैशाख मासकी अमावस्या का चंद्रमा उच्चका होने के कारण भी दुसित बनता हे,जब कार्तिक पूर्णिमा में वही चंद्रमा वृषभ का बलवान बनता हे.
चंद्रमा जीवन का कारक हे,पूर्ण चंद्रमा वाले जातक एसेतो बलवान मनोबल वाले,उपासक,अपने जीवनमे अचानक परिवर्तन अनुभव करने वाले,योगी,त्यागी,मनको पेहले वश नहीं करनार किसीकी कृपा के बाद परिवर्तन होके उम्र के साथ त्याग प्राप्त करनेकी और चले जाते हे,
कर्क राशिवाले जातक के लग्न जीवनमे समस्या,पति पत्नी के आरोग्यमें समस्या आति हे,जब कर्क राशी पुष्य नक्षत्र वाले जातक बहुत हिम्मत वाले साहसी,भोजन करनेमे अनियमितता,लीवर के रोग,जेसेकी कमरों,पान्डुरोग ऐसे रोगों के भोग बाल्या अवस्थामे बनते हे.
चंद्रमा के फल कथनमें सिर्फ राशी का विचार करते सिर्फ राशिको ध्यानमे नहीं लेते नक्षत्र-अंश तक अध्ययन करने से सही फल कथन होगा
वृषभ राशिमे वैशाख मासकी अमावस्या का चंद्रमा उच्चका होने के कारण भी दुसित बनता हे,जब कार्तिक पूर्णिमा में वही चंद्रमा वृषभ का बलवान बनता हे.
चंद्रमा जीवन का कारक हे,पूर्ण चंद्रमा वाले जातक एसेतो बलवान मनोबल वाले,उपासक,अपने जीवनमे अचानक परिवर्तन अनुभव करने वाले,योगी,त्यागी,मनको पेहले वश नहीं करनार किसीकी कृपा के बाद परिवर्तन होके उम्र के साथ त्याग प्राप्त करनेकी और चले जाते हे,
कर्क राशिवाले जातक के लग्न जीवनमे समस्या,पति पत्नी के आरोग्यमें समस्या आति हे,जब कर्क राशी पुष्य नक्षत्र वाले जातक बहुत हिम्मत वाले साहसी,भोजन करनेमे अनियमितता,लीवर के रोग,जेसेकी कमरों,पान्डुरोग ऐसे रोगों के भोग बाल्या अवस्थामे बनते हे.
चंद्रमा के फल कथनमें सिर्फ राशी का विचार करते सिर्फ राशिको ध्यानमे नहीं लेते नक्षत्र-अंश तक अध्ययन करने से सही फल कथन होगा
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