शनिवार, 2 जनवरी 2016

सूर्य ग्रह का वर्णन

  सूर्य का शरीर अच्छा मजबूत और उच्चे कदवाला हे , रक्त के  समान लाल रंग है, उसका मुंह पिला अर्थांत  नारंगी रंग का है, हालांकि उसके सिर पर बहुत छोटे बाल और दाढ़ी के बाल विषेस प्रकारके होतेहे , उसकी आँखें चमकदार पीलेरंग की  और मोटी होति हे,  हड्डिया  बहुत मजबूत होति  है, और पित्त प्रकृति की प्रधानता वाले हे ,उसके अलावा  उसके  बालों और रोम पित नारंगी होते हे, उसका  चेहरा  उज्ज्वल और मांसल शरीर हे ।

    सूर्य की आयु 50 साल गिननेमे आइ हे , सूर्य को सत्त्वगुण प्रधान बताया गया हे,जोभी मनुष्य की कुंडली में सूर्य बलवान होता हे वो मनुष्य प्रमाणिक और एकवचनी और नियमित होता हे, विचारसिल और विश्वासु लागनीवान होता हे, सरल और दयावान त्रुस स्वभावका होता हे,परन्तु  सूर्य दुसित हो तो मनुष्य जूठा,अभिमानी,बाल्य स्वाभावका बनता हे,और सबको परेसान करनार और निंदा करनार स्वभावका बनता हे,बड़ी बड़ी बाते करनार परन्तु दुसरे के सहारे जीवन जीता हे,सूर्य सत्त्वगुणी होनेसे बलवान सूर्य वाले मनुष्य धार्मिक,नीतिवान,यात्रा करनार,धर्ममे रूचि रखने वाले और मासूम दिल के होते हे.

   सूर्य दुसित बनते मनुष्य के दिमाग,छाती मुख आख की पीड़ा की संभवना रहती हे,हदय,पीठ,आख इस भागो में सूर्य का आधिपत्य वर्चस्व  होता हे.                                                                                                                  

   सूर्य पुरुष ग्रह हे,उसकी गणना पापग्रहोमे होती हे,वो क्षत्रिय जातिका हे,उसका वर्ण तांबे के समान रक्त हे,वो पूर्व दिशाका अधिपति और अग्नि तत्व वाला हे,उसका अधिपति अग्नि हे ।

  

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